कुछ पंक्तियाँ , अच्छी लगी, किसी भावुक व्यक्ति ने सुनाई। पंक्तियों से ज्यादा उनकी आँखों के आंसुओ ने दिल को छुआ।
१. कौम को कबीलों मे मत बाँटों , ये जिंदगी क सफ़र लंबा है इसे मीलो में मत बांटों।
हमारा भारतवर्ष तो एक अथाह सागर है , इसे ताल और झीलों में मत बाँटों।
२. दिल तो भावों से भरा है मगर घर है कि अभावों से भरा है।
जी चाहता है कि दिल जोड़ लूँ सबसे मगर ये जिस्म है कि घावों से भरा है।
१. कौम को कबीलों मे मत बाँटों , ये जिंदगी क सफ़र लंबा है इसे मीलो में मत बांटों।
हमारा भारतवर्ष तो एक अथाह सागर है , इसे ताल और झीलों में मत बाँटों।
२. दिल तो भावों से भरा है मगर घर है कि अभावों से भरा है।
जी चाहता है कि दिल जोड़ लूँ सबसे मगर ये जिस्म है कि घावों से भरा है।
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